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पी एन सिंह रचनावली

संपादक - गजेंद्र पाठक
प्रकाशक - नयी किताब प्रकाशन, दिल्ली
प्रकाशन वर्ष- 2022

प्रस्तुत रचनावली में शामिल लेख हिन्दी आलोचना की उस जिम्मेदारी के प्रमाण हैं जो हिंदी जनपद में नवजागरण की प्रक्रिया और अनिवार्यता को सिर्फ इतिहास तक सीमित नहीं मानती। हिंदी आलोचना का एक नया मुहावरा ही नहीं, नयी शब्दावली ही नहीं एक नयी चिंतन प्रक्रिया और व्यापक जिम्मेदारी का भाव जो पी.एन. सिंह को सबसे अलग करता है वह इस रचनावली में मौजूद है। हिंदी आलोचना को एक राजनीतिक, सांस्कृतिक और सामाजिक दायित्त्व मानते हुए जिस सहजता से वे अपनी तरफ आकृष्ट करते हैं वह भी इस बात का प्रमाण है कि कठिन होना नहीं, सहज होना ही ज्ञान और साधना की उपलब्धि है।

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