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प्रकाशन

प्रो. गजेन्द्र पाठक हिंदी साहित्य के एक प्रमुख आलोचक, संपादक और लेखक हैं। उनके लेखन में मुख्य रूप से हिंदी नवजागरण, प्रवासी साहित्य, प्रतिबंधित साहित्य, भारतीय स्वाधीनता आंदोलन, लोकसंस्कृति, किसान आंदोलन और समाज में साहित्य की भूमिका जैसे विषय शामिल हैं।
वे मुख्यत: स्वाधीनता संग्राम के दौरान प्रतिबंधित हुई रचनाओं, किसानों के संघर्षों और ग्रामीण समाज की सांस्कृतिक विरासत पर लिखते हैं। उनके लेखन और संपादन ने हिंदी भाषा व साहित्य को एक नई दृष्टि प्रदान की हैं।

पुस्तक

हिन्दी नवजागरण

हिन्दी नवजागरण

आलोचना की परिधि

आलोचना की परिधि

ब्रिटिश उपनिवेशवाद और भारतीय प्रतिरोध- 1

ब्रिटिश उपनिवेशवाद और भारतीय प्रतिरोध- 1

ब्रिटिश उपनिवेशवाद और भारतीय प्रतिरोध-4

ब्रिटिश उपनिवेशवाद और भारतीय प्रतिरोध-4

शमशेर की आलोचना दृष्टि

शमशेर की आलोचना दृष्टि

रेणु का जनपद

रेणु का जनपद

ब्रिटिश उपनिवेशवाद और भारतीय प्रतिरोध- 2

ब्रिटिश उपनिवेशवाद और भारतीय प्रतिरोध- 2

ब्रिटिश उपनिवेशवाद और भारतीय प्रतिरोध-5

ब्रिटिश उपनिवेशवाद और भारतीय प्रतिरोध-5

कविता का देश

कविता का देश

पी एन सिंह रचनावली

पी एन सिंह रचनावली

ब्रिटिश उपनिवेशवाद और भारतीय प्रतिरोध- 3

ब्रिटिश उपनिवेशवाद और भारतीय प्रतिरोध- 3

अध्याय

हिंदी नवजागरण के अग्रदूत शिवपूजन सहाय

हिंदी नवजागरण के अग्रदूत शिवपूजन सहाय

अंतर्पाठ मुर्दहिया और मणिकर्णिका

अंतर्पाठ मुर्दहिया और मणिकर्णिका

उत्तरशती के विमर्श और हासिए का समाज

उत्तरशती के विमर्श और हासिए का समाज

रामविलास शर्मा की आलोचना की आलोचना

रामविलास शर्मा की आलोचना की आलोचना

असम में राम

असम में राम

बिदापत नाच

बिदापत नाच

लोक प्रतिरोध का विशिष्ट आख्यान- फिरंगिया

लोक प्रतिरोध का विशिष्ट आख्यान- फिरंगिया

यह निर्मल नदी भीतर ही बहती है

यह निर्मल नदी भीतर ही बहती है

गाँधी, रवीन्द्रनाथ और निराला

गाँधी, रवीन्द्रनाथ और निराला

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